जानिए कैसे बचाएं उकठा रोग से अपनी जीरा की फसल, छिड़काव की सलाह

उकठा रोग है क्या

उकठा रोग है क्या

जीरे के बुवाई 10 से 20 नवम्बर के मध्य कर देनी चाहिए।

जीरे की बुवाई किसान अधिकतर छिड़काव विधि द्वारा करते है लेकिन कल्टीवेटर से 30 सेमी के अन्तराल पर पंक्तियां बनाकर उसमें बुवाई करना अच्छा रहता है।

उकठा रोग (वील्टिंग) के कारण पौधों की पत्तियाँ और कोमल भाग सूख जाते हैं और अपनी दृढ़ता खो देते हैं। रबी सीजन में जीरे की फसल में यह रोग देखने को मिल रहा है. यह रोग एक या दो प्रकार के कवक, फ्यूजेरियम प्रजाति या स्क्लेरोटियम प्रजाति के कारण होता है। ये फफूंदी मिट्टी में कुछ समय तक जीवित रह सकते हैं।

जीरे की फसल में उकठा रोग फैलने से रोकने के लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर एक किलोग्राम कार्बेन्डाजिम फफूंदनाशी का छिड़काव करना चाहिए.

ट्राइकोड्रमा अर्जेनियम जैविक फफूंदनाशी 1 किलो गोबर की खाद में मिलाकर प्रति हेक्टेयर में छिड़काव करें, जिससे बीमारी ना फैले।

sarso ka bhav

sarso ka bhav