Hanuman ji ki aarti : श्री हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा, बूढ़े मंगलवार और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाली श्री हनुमान आरती है।
हनुमान जी के कारण लोग उन्हें सच्चे भक्तिभाव से संबोधित करते हैं और उन्हें मानवता के परिप्रेक्ष्य में एक उत्कृष्ट आदर्श मानते हैं। हनुमान जी की भक्ति से हम शक्ति, साहस, और आत्मविश्वास का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
हनुमान चालीसा, जिसमें हनुमान जी की गुणगान की गई है, एक प्रमुख पौराणिक ग्रंथ है जो उनके पूजन में प्रयुक्त होता है। इसमें हनुमान जी के अद्वितीय गुणों की महिमा है और उनके परम भक्त बाणारसी दास की रचना है।
हनुमान जी का एक अन्य महत्त्वपूर्ण रूप, पंचमुखी हनुमान, भी है जो विभिन्न दिशाओं को रक्षा करने के लिए प्रतिष्ठित हैं। उनकी पूजा से शत्रुओं से रक्षा होती है और विपत्तियों से सुरक्षा होती है।
भगवान हनुमान जी की कहानियाँ हमें साहस, उत्साह, और निष्ठा का सिखावा देती हैं। उनका चित्रण हमें अध्यात्मिक साधना में प्रेरित करता है और हमें सत्य, न्याय, और परमार्थ के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
इस प्रकार, हनुमान जी का स्मरण, उनकी आराधना, और कथाएं हमें अध्यात्मिक उन्नति, धार्मिक साधना, और सच्चे भक्तिभाव में सहायक हो सकती हैं।
॥ आरती ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
॥ इति संपूर्णंम् ॥
मंगलवार का दिन महाबली हनुमान की पूजा आराधना के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से रामभक्त हनुमान की अराधना करता है उसके सारे दुखों का नाश हो जाता है। हनुमान जी कलयुग में जीवित देवता के रूप में माने जाते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार हनुमान जी एकमात्र ऐसे देवता हैं, जो सशरीर आज भी पृथ्वी पर विचरण करते हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। जो भक्त नियमित रूप से हनुमान जी की पूजा-अर्चना करता है, उसे सभी तरह के कष्टों का निवारण जल्द हो जाता है। हनुमान जी के बारे में कहा जाता है कि उनको प्रसन्न करने के लिए किसी विशेष प्रकार की पूजा की जरूरत नहीं होती है। मात्र हनुमान जी के नाम का स्मरण करने से सारे दुख दूर हो जाते हैं। फिर भी यदि आप विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको बजरंग बाण का पाठ करें। मान्यता है जो व्यक्ति सच्चे दिल से इस पाठ को करता है, उसके जीवन के कई कष्टों का अंत तुरंत हो जाता है।
हनुमान जी, हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं और उन्हें भक्ति में महाकाव्यवाद का सर्वोत्तम उदाहरण माना जाता है। उन्हे आप रामभक्त हनुमान, पवनपुत्र हनुमान भी कहा जाता है।
हनुमान जी का रूप अत्यंत वीर और भले श्रद्धालु है, जो सदैव भगवान राम की सेवा में तत्पर रहते हैं। उनका सुंदर रूप, भक्ति और वीरता का प्रतीक है। हनुमान जी को महाकाव्य रामायण में सुग्रीव का मित्र और राम का सबसे विश्वासी भक्त कहा गया है।
हनुमान जी का देवता में एक विशेष स्थान है, और उन्हें महाकाव्य रामायण में विभिन्न किर्तिमानों और बलिदानों के लिए जाना जाता है। उनकी भक्ति से भरा हुआ राम नाम हमें आत्मा की शक्ति, उत्कृष्टता, और धर्म में सामर्थ्य प्रदान करता है।
हनुमान जी की कृपा से भक्ति में स्थायिता प्राप्त होती है और उनकी आराधना से भक्त सद्गुण से सम्पन्न होता है। उनकी कृपा और आशीर्वाद से भक्त जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकता है।
श्री हनुमान जी की भक्ति करने से हम नीति, करुणा, और सेवा की भावना से युक्त होते हैं, जो हमें अध्यात्मिक उन्नति में सहायक होती है। हनुमान जी का स्मरण और उनकी आराधना से हम जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
इस प्रकार, हनुमान जी का पूजन हमें भक्ति और धर्म के मार्ग पर चलने में मदद करता है और हमें आत्मा के सच्चे स्वरूप की अवधारणा कराता है।