अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir)
22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बने भव्य मंदिर में भगवान राम की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी 2024 का दिन चुना गया है। अयोध्या मंदिर में भगवान राम के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए विशेष मुहूर्त 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड का शुभ मुहूर्त निर्धारित है। इसी मुहूर्त में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा(Pran Pratishtha) होगी। इस तरह से प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का समय बहुत ही खास रहेगा। 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त में अयोध्या राम मंदिर(अयोध्या राम मंदिर) में भगवान राम की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हैं। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हो गया था, जो अभी भी जारी है। आइए जानते हैं अयोध्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के शुभ मुहूर्त का महत्व और इसके लिए 22 जनवरी का चुनाव क्यों किया गया।
अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha):
मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पंचांग के माध्यम से विशेष मुहूर्त निकाले जाते हैं। इस लिहाज से अयोध्या राम मंदिर((अयोध्या राम मंदिर) ) में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी की तारीख का चुनाव विद्वान ज्योतिषाचार्यों के द्वारा किया गया है। 22 जनवरी 2024 को पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न और वृश्चिक नवांश का अत्यंत शुभ संयोग है। 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट और 32 मिनट ‘प्रतिष्ठित परमेश्वर’ मंत्र के उच्चारण और विधि-विधान के साथ भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। हिंदू धर्म में किसी भी मंदिर में देवी-देवता की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करना एक अनिवार्य कार्य माना जाता है|
क्यों जरूरी है मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा ?
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार किसी भी मंदिर में देवी-देवता की मूर्ति स्थापित करने से पहले उस मूर्ति की विधि-विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा(Pran Pratishtha) की जानी जरूरी होती है। प्राण प्रतिष्ठा का मतलब उस मूर्ति में प्राण की स्थापना करना यानी जीवन शक्ति को स्थापित करके मूर्ति को देवता के रूप में बदला जाता है। मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा के लिए वैदिक मंत्रों के उच्चारण और अनेकों तरह की पूजा विधियों के द्वारा उस मूर्ति में प्राण को स्थापित किया जाता है। इसी वैदिक परंपरा को प्राण प्रतिष्ठा कहते हैं। मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद मूर्ति में भक्तों की प्रार्थना स्वीकार करने वरदान देने की शक्ति आ जाती है।
किसी भी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के कई चरण होते हैं, जिसे पूरा करके मूर्ति को स्थापित किया जाता है। प्राण प्रतिष्ठा के विभिन्न चरणों को अधिवास कहा जाता है। जैसे जलाधिवास, अन्नाधिवास, फलाधिवास, धृताधिवास आदि। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का वर्णन कई पुराणों और धर्म गन्थ्रों में किया गया है।
PM मोदी राम मंदिर पहुंचेंगे(PM Narendra Modi)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब 22 जनवरी यानी प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही अयोध्या आएंगे। वह 4 घंटे रामनगरी में रुकेंगे। सुबह 10.30 बजे विमान से अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरेंगे। 11 बजे राम मंदिर पहुंच जाएंगे। यहां 3 घंटे रुकेंगे। प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से पहले PM राम मंदिर परिसर में लगी जटायु की प्रतिमा का इनॉगरेशन करके पूजा करेंगे।